Thursday 14 September 2017
Thursday 20 October 2016
Sunday 9 October 2016
कैसे बुलाये इस बार लक्ष्मी जी को घर में (VATU TIPS)
वास्तु , घर में
सुख-शांति बनाये रखने के
लिए बहुत उपयोगी
होता है। घर में
सकारात्मक ऊर्जा बनाये
रखने के लिए
घर में वास्तु का
ध्यान रखना चाहिये।
दिवाली के दिन
घर में सुख
शांति के लिए
कुछ विशेष वास्तु टिप्स
दिए गए है
|
Vastu Tips for Diwali
:-
(1) मुख्य प्रवेश द्वार के
सामने किसी तरह
की रुकावट वाली
चीज नहीं होनी
चाहिये। और भगवान का
स्वागत करने के
लिए घर के प्रवेश
द्वार पर रंगोली
बनानी चाहिये।
(2) वास्तु
के अनुसार हमे घर
के आस-पास
की चीज़ों को
इधर से उधर
स्थानांतरित करना चाहिये।
(3)दिवाली के दिन
घर को साफ
सुथरा रखना चाहिये
यह तो सब
जानते है| पर
वास्तु के अनुसार
दिवाली के दूसरे
दिन यानि
काली चौदस को भी
घर साफ रखना
चाहिये।
(4)घर में एक
बहते हुए पानी
का झरना होना
चाहिये। यह घर
की सारी नकारात्मक
ऊर्जा को दूर
करता है | झरना
घर के नार्थ-ईस्ट दिशा में होना
चाहिये।
(5)वास्तु के अनुसार
हमे घर के
कोने में नमक
के पानी का
छिड़काव करना चाहिये।
कहते है की
नमक घर की
बुरी ऊर्जा को
सोख लेता है।
(6)वास्तु के अनुसार
दिवाली के दिन
घर में चीनी
की कमी नहीं
होनी चाहिये। कहा
जाता है की
ये एक रस्म है
जिससे आप का
साल अच्छा बीतता
है |
Thursday 15 September 2016
घर के लिए वास्तु टिप्स
(1) ताजमहल एक मकबरा है, इसलिए न तो इसकी तस्वीर घर में लगानी चाहिए. और न हीं इसका कोई शो पीस घर में रखना चाहिए.
(2) पूजा घर उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण में बनाना सबसे अच्छा रहता है.
(3) घर के प्रवेश द्वार में ऊं या स्वस्तिक बनाएँ या उसकी थोड़ी बड़ी आकृति लगाएँ.
(4) पूजा घर से सटा हुआ या पूजा घर के ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए.,पूजा घर में प्रतिमा स्थापित नहीं करनी चाहिए,छोटी मूर्तियाँ और चित्र हीं पूजा घर में लगाने चाहिए
(5) नटराज की तस्वीर या मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि शिवजी ने विकराल रूप लिया हुआ है.
फटे हुए चित्र, या खंडित मूर्ति पूजा घर में बिल्कुल नहीं होनी चाहिए,पूजा घर और रसोई या बेडरूम एक हीं कमरे में नहीं होना चाहिए.
कमरों की खिड़कियाँ और दरवाजे उत्तर या पूर्व दिशा में खुलने चाहिए.
(6) गेस्ट रूम उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए. अगर उत्तर-पूर्व में कमरा बनाना सम्भव न हो, तो उत्तर पश्चिम दिशा दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.
(7) शौचालय और स्नानघर दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना सर्वश्रेष्ठ है.
(8) रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी होती है.
(9) घर की सीढ़ी ऐसी जगह पर होनी चाहिए कि घर में घूसने वाले व्यक्ति को यह सामने नजर नहीं आनी चाहिए.
(10) कमरे की लाइट्स पूर्व या उत्तर दिशा में लगी होनी चाहिए.
(11) घर का मुख्य दरवाजा दक्षिणमुखी नहीं होना चाहिए. अगर मजबूरी में दक्षिणमुखी दरवाजा बनाना पड़ गया हो, तो दरवाजे के सामने एक बड़ा सा आईना लगा दें.
(12) शयनकक्ष में भगवान की या धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए.
Tuesday 13 September 2016
वास्तु में वृक्षों का बहुत महत्व बताया गया है | अगर कोई व्यक्ति अपने भवन में सुखी रहना चाहता है| तो उन्हें कभी भी घर में पीपल या बड़ का पेड़ नहीं लगाना चाहिए | घर में पेड़ लगाते वक़्त इन बातो का ध्यान रखना चाहिए
* भवन के निकट वृक्ष कम से कम दूरी पर होना चाहिए ताकि दोपहर की छाया भवन पर न पड़े।
* सीताफल के वृक्ष वाले स्थान पर भी या उसके आसपास भी भवन नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि सीताफल के वृक्ष पर हमेशा जहरीले जीव-जंतु का वास होता है।
* जिस भूमि पर तुलसी के पौधे लगे हो वहां भवन निर्माण करना उत्तम है। तुलसी का पौधा अपने चारों ओर का 50 मीटर तक का वातावरण शुद्ध रखता है, शास्त्रों में यह पौधा बहुत ही पवित्र एवं पूजनीय माना गया है।
* जिस भूमि पर पपीता, आंवला, अमरूद, अनार, पलाश आदि के वृक्ष अधिक मात्रा में हो वह भूमि, वास्तु शास्त्र में बहुत श्रेष्ठ बताई गई है।
* जिन वृक्षों पर फूल आते रहते हैं और लता एवं वनस्पतियां सरलता से वृद्धि करती हैं
* भवन के निकट वृक्ष कम से कम दूरी पर होना चाहिए ताकि दोपहर की छाया भवन पर न पड़े।
* सीताफल के वृक्ष वाले स्थान पर भी या उसके आसपास भी भवन नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि सीताफल के वृक्ष पर हमेशा जहरीले जीव-जंतु का वास होता है।
* जिस भूमि पर तुलसी के पौधे लगे हो वहां भवन निर्माण करना उत्तम है। तुलसी का पौधा अपने चारों ओर का 50 मीटर तक का वातावरण शुद्ध रखता है, शास्त्रों में यह पौधा बहुत ही पवित्र एवं पूजनीय माना गया है।
* जिस भूमि पर पपीता, आंवला, अमरूद, अनार, पलाश आदि के वृक्ष अधिक मात्रा में हो वह भूमि, वास्तु शास्त्र में बहुत श्रेष्ठ बताई गई है।
* जिन वृक्षों पर फूल आते रहते हैं और लता एवं वनस्पतियां सरलता से वृद्धि करती हैं
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