Wednesday, 10 August 2016



बेड रूम के लिए उपयुक्त दिशाये:.......

मुख्य  शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर होना चाहिए | अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है तो मास्टर ऊपरी मंजिल मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना चाहिए |

बच्चों का कमरा उत्तर – पश्चिम या पश्चिम में होना चाहिए और मेहमानों के लिए कमरा (गेस्ट बेड रूम) उत्तर पश्चिम या उत्तर – पूर्व की ओर होना चाहिए|

पूर्व दिशा में बने कमरा  का अविवाहित बच्चों या मेहमानों के सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है |

उत्तर – पूर्व दिशा में देवी – देवताओं का स्थान है  इसलिए इस दिशा में कोई बेडरूम नहीं  होना चाहिए | उत्तर – पूर्व में  बेडरूम होने से  धन की हानि , काम में रुकावट और बच्चों की शादी में देरी हो सकती  है |

दक्षिण – पश्चिम का बेडरूम  स्थिरता और महत्वपूर्ण मुद्दों को हिम्मत से हल करने में सहायता प्रदान करता है |

दक्षिण – पूर्व में शयन कक्ष अनिद्रा , चिंता , और वैवाहिक समस्याओं को जन्म देता है | दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि कोण हें जो मुखरता और आक्रामक रवैये  से संबंधित  है | शर्मीले  और डरपोक बच्चे इस कमरे का उपयोग करें और विश्वास प्राप्त कर सकते हैं | आक्रामक और क्रोधी स्वभाव के  जो लोग है इस कमरे में ना रहे|

शयन कक्ष घर के मध्य भाग में नहीं होना चाहिए, घर के मध्य भाग को वास्तु में बर्हमस्थान  कहा जाता है | यह बहुत  सारी ऊर्जा को आकर्षित करता  है जोकि  आराम और नींद के लिए लिए बने शयन कक्ष के लिए उपयुक्त नहीं है |

Thursday, 4 August 2016


वास्तु अनुसार लाफिंग बुद्धा एवं उसके के प्रभाव

लाफिंग बुद्धा फेंगशुई में सकरात्मक ऊर्जा लाने के लिए उपयोग होता है.
शयनकक्ष (BEDROOMS) में, भोजन कक्ष में (KITCHEN), या अन्य कमरों में बुद्धा नहीं रखना चाहिए। बिना मांगे GIFT में मिले लाफिंग बुद्धा अमूल्य और शुभ फलदायी है।
एक बुद्धा कमंडल में बैठे हुए होते है यदि आप SUDDEN PROFIT चाहते है या की ऐसा BUSINESS करते है तो ऐसे लाफिंग बुद्धा लाना चाहिए।।। इन्हे ईशान कोण में जगह दे
ऐसे लाफिंग बुद्धा को अपने घर लाएं जो सिक्कों पर बैठे हो या जिन्होंने अपने कंधो पर धन की पोटली लटकाई हो। ऐसे बुद्धा को साउथ-वेस्ट में रखा चाहिए

Wednesday, 3 August 2016

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Tuesday, 2 August 2016

Sunday, 31 July 2016



वास्तु में वृक्षों का बहुत महत्व बताया गया है | अगर कोई व्यक्ति अपने भवन में सुखी रहना चाहता है| तो उन्हें कभी भी घर में पीपल या बड़ का पेड़ नहीं लगाना चाहिए | घर में पेड़ लगाते वक़्त इन बातो का ध्यान रखना चाहिए
* भवन के निकट वृक्ष कम से कम दूरी पर होना चाहिए ताकि दोपहर की छाया भवन पर न पड़े।
* सीताफल के वृक्ष वाले स्थान पर भी या उसके आसपास भी भवन नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि सीताफल के वृक्ष पर हमेशा जहरीले जीव-जंतु का वास होता है।

* जिस भूमि पर तुलसी के पौधे लगे हो वहां भवन निर्माण करना उत्तम है। तुलसी का पौधा अपने चारों ओर का 50 मीटर तक का वातावरण शुद्ध रखता है, शास्त्रों में यह पौधा बहुत ही पवित्र एवं पूजनीय माना गया है।
* जिस भूमि पर पपीता, आंवला, अमरूद, अनार, पलाश आदि के वृक्ष अधिक मात्रा में हो वह भूमि, वास्तु शास्त्र में बहुत श्रेष्ठ बताई गई है।
* जिन वृक्षों पर फूल आते रहते हैं और लता एवं वनस्पतियां सरलता से वृद्धि करती हैं

Friday, 29 July 2016


चीनी वास्तु फेंगशुई में मोमबत्ती की अहम भूमिका बतायी गई है। मोमबत्ती द्वारा ऊर्जा का संतुलन किया जा सकता है। फेंगशुई में इस ऊर्जा को 'ची' कहते हैं। मोमबत्तियों से प्राप्त ऊर्जा नकारात्मक ऊर्जा को काट देती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करती है। और आपका भाग्य भी जगाती है।