Friday, 16 September 2016
Thursday, 15 September 2016
घर के लिए वास्तु टिप्स
(1) ताजमहल एक मकबरा है, इसलिए न तो इसकी तस्वीर घर में लगानी चाहिए. और न हीं इसका कोई शो पीस घर में रखना चाहिए.
(2) पूजा घर उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण में बनाना सबसे अच्छा रहता है.
(3) घर के प्रवेश द्वार में ऊं या स्वस्तिक बनाएँ या उसकी थोड़ी बड़ी आकृति लगाएँ.
(4) पूजा घर से सटा हुआ या पूजा घर के ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए.,पूजा घर में प्रतिमा स्थापित नहीं करनी चाहिए,छोटी मूर्तियाँ और चित्र हीं पूजा घर में लगाने चाहिए
(5) नटराज की तस्वीर या मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि शिवजी ने विकराल रूप लिया हुआ है.
फटे हुए चित्र, या खंडित मूर्ति पूजा घर में बिल्कुल नहीं होनी चाहिए,पूजा घर और रसोई या बेडरूम एक हीं कमरे में नहीं होना चाहिए.
कमरों की खिड़कियाँ और दरवाजे उत्तर या पूर्व दिशा में खुलने चाहिए.
(6) गेस्ट रूम उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए. अगर उत्तर-पूर्व में कमरा बनाना सम्भव न हो, तो उत्तर पश्चिम दिशा दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.
(7) शौचालय और स्नानघर दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना सर्वश्रेष्ठ है.
(8) रसोई के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे अच्छी होती है.
(9) घर की सीढ़ी ऐसी जगह पर होनी चाहिए कि घर में घूसने वाले व्यक्ति को यह सामने नजर नहीं आनी चाहिए.
(10) कमरे की लाइट्स पूर्व या उत्तर दिशा में लगी होनी चाहिए.
(11) घर का मुख्य दरवाजा दक्षिणमुखी नहीं होना चाहिए. अगर मजबूरी में दक्षिणमुखी दरवाजा बनाना पड़ गया हो, तो दरवाजे के सामने एक बड़ा सा आईना लगा दें.
(12) शयनकक्ष में भगवान की या धार्मिक आस्थाओं से जुड़ी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए.
Tuesday, 13 September 2016
वास्तु में वृक्षों का बहुत महत्व बताया गया है | अगर कोई व्यक्ति अपने भवन में सुखी रहना चाहता है| तो उन्हें कभी भी घर में पीपल या बड़ का पेड़ नहीं लगाना चाहिए | घर में पेड़ लगाते वक़्त इन बातो का ध्यान रखना चाहिए
* भवन के निकट वृक्ष कम से कम दूरी पर होना चाहिए ताकि दोपहर की छाया भवन पर न पड़े।
* सीताफल के वृक्ष वाले स्थान पर भी या उसके आसपास भी भवन नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि सीताफल के वृक्ष पर हमेशा जहरीले जीव-जंतु का वास होता है।
* जिस भूमि पर तुलसी के पौधे लगे हो वहां भवन निर्माण करना उत्तम है। तुलसी का पौधा अपने चारों ओर का 50 मीटर तक का वातावरण शुद्ध रखता है, शास्त्रों में यह पौधा बहुत ही पवित्र एवं पूजनीय माना गया है।
* जिस भूमि पर पपीता, आंवला, अमरूद, अनार, पलाश आदि के वृक्ष अधिक मात्रा में हो वह भूमि, वास्तु शास्त्र में बहुत श्रेष्ठ बताई गई है।
* जिन वृक्षों पर फूल आते रहते हैं और लता एवं वनस्पतियां सरलता से वृद्धि करती हैं
* भवन के निकट वृक्ष कम से कम दूरी पर होना चाहिए ताकि दोपहर की छाया भवन पर न पड़े।
* सीताफल के वृक्ष वाले स्थान पर भी या उसके आसपास भी भवन नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि सीताफल के वृक्ष पर हमेशा जहरीले जीव-जंतु का वास होता है।
* जिस भूमि पर तुलसी के पौधे लगे हो वहां भवन निर्माण करना उत्तम है। तुलसी का पौधा अपने चारों ओर का 50 मीटर तक का वातावरण शुद्ध रखता है, शास्त्रों में यह पौधा बहुत ही पवित्र एवं पूजनीय माना गया है।
* जिस भूमि पर पपीता, आंवला, अमरूद, अनार, पलाश आदि के वृक्ष अधिक मात्रा में हो वह भूमि, वास्तु शास्त्र में बहुत श्रेष्ठ बताई गई है।
* जिन वृक्षों पर फूल आते रहते हैं और लता एवं वनस्पतियां सरलता से वृद्धि करती हैं
Sunday, 11 September 2016
वास्तु शास्त्र में नमक का बहुत महत्व है। अगर खाने में नमक ना हो तो खाना भी बेस्वाद लगता है। ये बात तो सभी जानते हैं, बहुत कम लोग जानते हैं कि नमक के कुछ चमत्कारी उपाय भी हैं। इन उपायों से लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
नमक से किए जाने वाले उपायों से सभी सदस्यों की सोच सकारात्मक होती है। नमक से वास्तु दोष भी दूर किया जा सकता है।
वास्तु में जीवन को सुखी बनाने के लिए कई अचूक उपाय बताए गए हैं। यदि घर में वास्तुदोष है तो बाथरूम में एक कटोरी साबुत यानी खड़ा समुद्री नमक रखना चाहीये। ऐसा करने पर घर की सभी प्रकार नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होने लगती है। हर महीने कटोरी का नमक बदल लेना चाहिए और पुराने नमक को फेंक देना चाहिए।
Thursday, 8 September 2016
ऑफिस में सफलता के लिए घोड़े की तस्वीर का महत्व
जीवन में अगर
मेहनत करने से
भी सफलता नहीं
मिल रही है तो
वास्तु के
इन तरीको को
अपना कर आप
सफलता हासिल कर सकते है | वास्तु के
अनुसार कहा जाता है
की अगर ऑफिस
में घोड़े की
तस्वीर या मूर्ति
सही दिशा के
अनुसार लगायी
जाये तो जीवन में सफलता
प्राप्त की जा
सकती है| घोड़े
की तस्वीर या
मूर्ति घर के
दक्षिण दिशा में
लगानी चाहीये | क्यू
की यह दिशा
काफी लोकप्रियता
का क्षेत्र मानी
जाती है
Tuesday, 6 September 2016
वास्तु के अनुसार घर के मुख्यद्वार के सामने क्यू न लगाए पेड़ पौधे ?
वास्तु के अनुसार घर के मुख्यद्वार के सामने बाधाए नहीं होनी चाहिए। क्यूकी घर के मुख्यद्वार से जो सकारात्मक और धनात्मक ऊर्जा आती है | वह ऊर्जा घर में नहीं आती है| इसलिएघर के मुख्यद्वार के सामने कोई भी बाधा जैसे पेड़- पौधे नहीं होने चाहिए। वास्तु के अनुसार कभी भी मुख्यद्वार के बिल्कुल सामने घर का प्रवेश द्वार नहीं होना चाहिए। यह घर में आने वाली सम्पति में रुकावट खड़ी करता है
Friday, 2 September 2016
पूजा के वक़्त गणेशजी को प्रथम पूजा जाता है। और कहा जाता है की जिस घर में गणेश की पूजा होती है, वहां सुख ,समृद्धि और लाभ मिलता है। इसके अलावा गणेशजी वास्तु दोष भी दूर करते है | गणेश जी की स्थापना अपने घर के main gate के ऊपर या ईशान कोण में की जाती है| कहा जाता है की कभी भी गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए । और भवन के मुख्य द्वार पर बाहर की और से गणेश की बैठी हुई प्रतिमा लगानी चाहिए | उसका आकार 10-11 अंगुल से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
घर में पूजा के लिए गणेश जी शयन या बैठी मुद्रा में हो तो अधिक उपयोगी माने जाते है| कला या अन्य शिक्षा के लिए पूजन करना है तो नृत्य गणेश की तस्वीर लगानी चाहिए|
गणेशजी की मूर्ति का मुख यदि नैर्ऋत्य मुखी हो तो लाभ देती है, और वायव्य मुखी होने पर सम्पति की हानि और ईशान मुखी हो तो ध्यान ना लगना और आग्नेय मुखी होने पर भुखमरी तक ला सकती है। पूजा के लिए गणेश जी की एक ही प्रतिमा होनी चाहिए
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